अपने दुःख दर्द छिपाने का
बस बचा एक ही जरिया है ,
जब पूछें कोई कैसे हो
हम कह देते सब बढ़िया है ।
चेहरे पर मुस्कान लिए
वाणी में रहते रस घोले ,
स्वप्न सरीखा यह जीवन
जो सरक रहा हौले हौले ।
अश्रु किन्हें हम दिखलाएँ
किस से हम मन की बात कहें ,
बेहतर लगती पीड़ा अपनी
भीतर अपने चुपचाप सहें ।
कुछ पीड़ा सुनकर मुस्काएँगे
कुछ नमक छिड़क कर जाएँगे ,
कुछ पाप पुण्य का लगा गणित
पापों का फल बताएँगे ।
किस की जिह्वा हम पकड़ेंगे
किस किस के होंठ सिलाएँगे ?
ऐसा बोला तो क्यों बोला
किस किस से लड़ने जायेंगे ?
चुपचाप सुनेंगे तानों को
दिल अपना भी इक दरिया है ,
फिर पूछेगा जब हाल कोई
तो कह देंगे ” सब बढ़िया है🌹🌹 🙏

